वे क्यों बदलगये?
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इस्लाम को छोड़कर कई मुस्लिम क्यों मसीही मोमिन बनें?
यहाँ तो हम सिर्फ़ भारत के कुछ लोगों की गवाहियाँ पढ़ेंगे जो इस्लाम को छोड़कर मसीही मोमिन बनगये हैं। पर हक़ीक़त में उनका गणन भारत में बेशुमार है। अगर हम पूरे विश्व में देखेंगे तो उन की संख्या अनगणित है। मुसलमान तो शेखी मारते हैं कि कोई भी मुस्लिम कभी भी मसीही मोमिन नहीं बन सकता है। लेकिन यह सोच तो हर तरह से ग़लत है। भारत में उनकी संख्या बहुत ज़्यादा है, पर वे आसानी से बाहर नहीं आते हैं, क्योंकि इस्लाम उनको मौत की सज़ा सुनाता है। फिर भी साधारण लोगों से लेकर बड़े-बड़े नवाबों तक, नवजवानों से लेकर औरतों तक, अनपढ़ से लेकर विद्वानों तक बहुत सारे लोग हमारे आस-पास ज़रूर रहते हैं जो इस्लाम को छोड़ कर मसीही मोमिन बने हैं।
आइये हम उन में से कुछ लोगों की गवाहियाँ पढ़ें और जानें कि वे इस्लाम को छोड़कर मसीही मोमिन क्यों बने हैं।
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